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शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013

प्रश्न ? उत्तर भाग - ३

प्रिय मित्रों , प्रश्न ? उत्तर  भाग - ३ की पोस्ट पे आपका हार्दिक स्वागत है , जैसा कि आप जानते है भाग - २ की पोस्ट पे मैंने पीपल के बारे में कुछ उपयोगी जानकारी दी थी , पोस्ट देखने के लिये यहाँ पे क्लिक करें ,

 भाग - ३ की पोस्ट इससे कुछ कुछ अलग है, क्योंकि ये शगुन अपशगुन पे आधारित है , शगुन अपशगुन एक ऐसा विषय है जो कि अच्छे भले आदमी को भी भ्रमित कर कुछ न कुछ सोचने पे मजबूर कर देता है , और इससे हताश होकर मनुष्य गलत निर्णय ले लेता है



प्रश्न -- बिल्ली रास्ता काट दे तो लोग वापस लौट जाते है इसके पीछे मनोवैज्ञानिक्ता क्या है ?


 उत्तर -- बिल्लियों को डायन का प्रतिरूप माना गया है। यदि किसी घर में बिल्लियाँ आपस में लड़ रही हैं तो यह जानिये कि शीघ्र ही घर में कलह उत्पन्न होने वाला हैं। बिल्लियों का रोना घर में किसी की मरने की पूर्व सूचना देता है। अमंगलकारी राहु की सवारी बिल्ली है। कहा जाता है कि क्या तुम्हारे ऊपर राहु की द्रष्टि है जो दिन-ब-दिन सूखे जा रहे हो। तात्पर्य यह है कि बिल्ली पूर्णतः अशुभ सूचक है।


 मेरा अपना उत्तर -- मेरा अपना मत है कि बिल्ली हो या चाहे कोई भी जीव , हर जीवआत्मा का स्वामी केवल ईश्वर है , और हर जीव में केवल ईश्वर का वास होता है , जैसे समस्त जीव अपने कार्य में लगे रहते है , वैसे ही बिचारी बिल्ली भी अपने कार्य में लगी रहती है , अब इसमें बिल्ली का क्या लेनादेना कि वो अपने कार्य हेतु निकले और बीच में आप रास्ते पे आ जायें , और रही बाधाओं की बात , तो मित्र एक बात जान लीजिए कि गर्भ से लेकर व्रद्धावस्था तक छोटीमोटी बाधाएं तो हमेशा ही मनुष्य को घेरे रहती हैं , कुल मिलाकर सब बातों की एक छोटी सी बात ( ओ मनवा रे जीवन है संग्राम , जप लो राम राम राम ) क्योंकि ( राम से बड़ा राम का नाम ) तो मित्रों इसी के साथ विदा कीजिए , मिलते है अगली पोस्ट पे , धन्यवाद !!!

 मित्रों ये जानकारी आपको कैसी लगी , अपनी टिप्पणी ज़रूर दें !

4 टिप्‍पणियां:

  1. आशीष भाई मैं भी इन सबको नही मानता, सभी जीव एक समान है कोई अमंगलकारी नही है सिवाय मनुष्य के। मैं आबुधाबी में जहाँ रहता हूँ वहाँ घर के बाहर करीब २०-२५ बिल्लियाँ इकठ्ठी रहती है जो कभी हमारे लिए अमंगलकारी नही हुई। धन्यबाद।

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  2. कर्म की प्रधानता ज्यादा महत्वपूर्ण है न की ऐसे शकुन या अपशकुनों की ... कर्म उसे भी पलट सकते हैं ...

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  3. दिगम्बर भाई आपकी बात से मै सहमत हु , अच्छे व सात्विक कर्म से , धन्यवाद

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