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एक टूटे हुए शायर का अरमां अभी कुछ बाक़ी है********
जो पूरे ना हो सके उन सपनों का ख़्वाब अभी कुछ बाक़ी है।
हम लिख न सके ऐसी शायरी है जिन्दगी********
कोरे पन्नों में कैद अरमां अभी कुछ बाक़ी है।
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एक टूटे हुए शायर का अरमां अभी कुछ बाक़ी है********
जो पूरे ना हो सके उन सपनों का ख़्वाब अभी कुछ बाक़ी है।
हम लिख न सके ऐसी शायरी है जिन्दगी********
कोरे पन्नों में कैद अरमां अभी कुछ बाक़ी है।
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बहुत खूब ... इनास्मानों को निकल जाने दें ... आराम मिलेगा ...
जवाब देंहटाएंसर आप जैसे लोग पधारे , फिर क्या ये आराम मिलने से कम है , धन्यवाद व स्वागत है
हटाएंmujhe achchi lagi aapki ye post / jaese aapne mere mn ki bat ko zuban de di ho :)
जवाब देंहटाएंआ० स्वागत है आपका , धन्यवाद
हटाएं|| जय श्री हरिः ||
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंकर्मफल |
धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है। बेहतरीन पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंधन्यवाद व सद: ही स्वागत हैं !
हटाएंशानदार
जवाब देंहटाएंअनुषा जी धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंबहुत हीं खूब.
जवाब देंहटाएंआपके आने की बात ही अलग हैं , ब्रदर धन्यवाद व सदा ही स्वागत हैं !
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