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उपग्रह कुछ इस तरह का नाम है जैसे कि लगता है उपप्रधानमंत्री - इसको समझने का एक तरीका ये है - जैसे प्रधानमंत्री के अंडर में सारे काम काज आते है , और लगभग सांसदों के वोट से उसका चुनाव होता है मगर उपप्रधानमंत्री को चुनने वाला काम प्रधानमंत्री के मुख्य सदस्य हि करतें है , और उसका कार्य जानकारियों को उन सदस्यों तक पहुँचाना होता है -
ठीक उसी प्रकार आप प्रधानमंत्री को ग्रह के रूप में जो कि प्राक्रतिक रूप से बना है - समझ सकते है , और उपग्रह को उपप्रधानमंत्री - जो कि वैज्ञानिक लोग निर्माण करते है - ब्रम्हांड कि जानकारियाँ पाने हेतु समझ सकते है -
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आगे बात करते है वैज्ञानिक द्रष्टि से उपग्रह को समझने की -
उपग्रह को अंग्रेजी भाषा में Satelite कहा जाता है -
किसी ग्रह के चारो ओर परिक्रमा करने वाले पिंड को उस ग्रह का उपग्रह कहते है | चंद्रमा , पृथ्वी का प्राक्रतिक उपग्रह है जबकि INSAT-B , पृथ्वी का कृतिम उपग्रह है |
उपग्रह की कक्षीय चाल कक्षीय त्रिज्या पर निर्भर करती है | पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह की कक्षीय चाल लगभग ७.९ या ८ किमी/ से होती है |
पृथ्वी के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह का परिक्रमण काल ८४ मिनट होता है |
भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी तल से लगभग ३६००० किमी की ऊँचाई पर रहकर पृथ्वी का परिक्रमण करता है | भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी के अक्ष के लम्बवत तल में पश्चिम से पूरब की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा इसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल ( २४ घंटे ) के बराबर होता है |
कृत्रिम उपग्रह के अन्दर प्रत्येक वस्तु भारहीनता की स्थिति में होती है |
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उपग्रह से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य -
साउंडिंग रॉकेट - इनका कार्य यंत्रों को पृथ्वी के बाह्य वायुमंडल तथा पृथ्वी के नज़दीकी अन्तरिक्ष में ले जाना है | इनमें यंत्रों दवारा ताप और दाब के साथ-साथ अन्तरिक्ष के विकिरणों का भी आंकलन किया जा सकता है |
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भू-तुल्यकालिक कक्षा में संचार उपग्रह स्थापित करने की संभावना सबसे पहले आर्थर-सी क्लार्क ने व्यक्त की |
तुल्यकाली उपग्रह का उपयोग रेडियो प्रसारण तथा मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणी के लिए किया जाता है |
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मित्रों ये जानकारी आपको हिंदी में कैसी लगी , कृपया अपनी टिप्पड़ी ज़रूर दें ! धन्यवाद
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:) बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसर धन्यवाद व स्वागत है |
हटाएंसत्य जानकारी और शानदार लेखन |
जवाब देंहटाएंआदरणीय धन्यवाद व स्वागत है |
हटाएंसुंदर जानकारी.
जवाब देंहटाएंराजीव भाई धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंधन्यवाद व स्वागत हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी,आभार आशीष भाई।
जवाब देंहटाएंराजेंद्र सर , धन्यवाद व स्वागत हैं ।
हटाएंबहुत उपयोगी और रोचक जानकारी...
जवाब देंहटाएंकैलाश सर आगमन हेतु धन्यवाद व स्वागत है |
हटाएंसरल और शीधे शब्दों में उपग्रह की जानकारी ...
जवाब देंहटाएंहोली कि बधाई ...
दिगंबर भाई धन्यवाद व स्वागत है , होली की शुभकामनाओं सहित
हटाएं|| जय श्री हरिः ||
unlimited-potential
जवाब देंहटाएंअति सुंदर जानकारियाँ ,
बढ़िया प्रयास
कुछ चीजे मैं भी जोड़ना चाहूँगा -
१]geo-satellite{भू-उपग्रह}को श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाता हैं |
२]भू-स्थिर उपग्रह को {टेलीकम्युनिकेशन /पार्किंग /सिंक्रोनस}विषुवत {इक्वेटर}से छोड़ा जाता हैं |
३]भारत का सबसे पहला भू-उपग्रह आर्यभट १ था ,जबकि भू-स्थिर उपग्रह एप्पल १ था |
इक्वेटर {विषुवत}..जैसे सिंगापुर |
हटाएंबहुत ही उम्दा जानकारी , अजय भाई आगमन व सहायता करने हेतु बड़े भाई को धन्यवाद व स्वागत हैं ।
हटाएंBAHUT ACHCHI JANKARI
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर जानकारी मे भी satellite बनाने का कार्य कर रहा हुं
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर जानकारी मे भी satellite बनाने का कार्य कर रहा हुं
जवाब देंहटाएंBhut khub good
जवाब देंहटाएंuseable information
जवाब देंहटाएंbahut achi lagi
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंGood kus nya upgrh bnao
जवाब देंहटाएंNice trik hy
जवाब देंहटाएंNice trik hy
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंnice r k
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंBhot achhi
जवाब देंहटाएंMujhe to ek hi bar me smjh aa gya
Thanks allot sir