राजेश कुमार मिश्रा ( आयुर्वेदाचार्य )
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मैं राजेश कुमार मिश्रा ( आयुर्वेदाचार्य ) सचिव आयुर्वेद अनुसंधान केन्द्र लखनऊ मंडल उ० प्र० पुत्र स्वर्गीय श्री गोवर्धन लाल मिश्रा विधिस्नातक ( एम० ए० , एल एल बी ) एवं आयुर्वेद ज्ञानी ( विरासत में मिला ज्ञान ) एवं पितामह स्वर्गीय श्री कालीचरण मिश्रा , आयुर्वेद रत्न , राजवैद्य , ज्योतिष ज्ञानी पितामह के सानिध्य में एवं बडों की प्रेरणा से ज्ञान एवं निखिल भारतवर्षीय आयुर्वेद विद्यापीठ दिल्ली से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि ग्रहण करते हुए नित नवीन आयुर्वेद अनुसंधान करते हुये असाध्य रोगों की चिकित्सा में अनवरत कार्यशील हूँ , मंत्र चिकित्सा , सुगंध चिकित्सा , आयुर्वेद औषधि चिकित्सा , मस्तक रेखा एवं हस्त रेखा छाप ( हथेली की छाप ) द्वारा व्यक्ति के भविष्य का ज्ञान , सेक्स प्रोब्लम ( इन्पोटेन्ट ) , इन्फर्टिलिटी ( निसंतान स्त्री पुरुष ) साइकोलोजिकल काउन्सलर , सचिव विश्व सीनियर सिटिजेन वेलफेयर परिषद एवं विश्व मानव स्वास्थ्य सेवा परिषद की स्थापना की इच्छा।
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मंत्र चिकित्सा --: ।ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
मंत्र द्वारा ही मृत्यु पे विजय एवं असाध्य रोगों ( कुष्ठ , पागलपन , कैंसर , एड्स ) की चिकित्सा
सुगंध चिकित्सा --: विभिन्न रोगों के अनुसार सुगंध से ही रोग की चिकित्सा
। दिनचर्या निशाचर्या मृत्युचर्या यथोदिताम
आचार पुरूष: स्वस्थ: सदातिष्ठीतनान्यथा ॥
अर्थात - दिनचर्या , रात्रिचर्या व रितुचर्या जिस प्रकार से आयुर्वेद ने बतायी है , उसी प्रकार से आचरण करने वाला मनुष्य सदा स्वस्थ रह सकता है , इसके विपरीत आचरण करने वाला स्वस्थ नहीं रह सकता।
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संपर्क सूत्र --: डा० राजेश कुमार मिश्रा ( आयुर्वेदाचार्य ) - २२ जेल रोड , सीतापुर निकट पुलिस लाइन गेट , मो० नं० - ९४५३३८८३७४ , ईमेल पता - mishra2012clinic@gmail.com
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मैं राजेश कुमार मिश्रा ( आयुर्वेदाचार्य ) सचिव आयुर्वेद अनुसंधान केन्द्र लखनऊ मंडल उ० प्र० पुत्र स्वर्गीय श्री गोवर्धन लाल मिश्रा विधिस्नातक ( एम० ए० , एल एल बी ) एवं आयुर्वेद ज्ञानी ( विरासत में मिला ज्ञान ) एवं पितामह स्वर्गीय श्री कालीचरण मिश्रा , आयुर्वेद रत्न , राजवैद्य , ज्योतिष ज्ञानी पितामह के सानिध्य में एवं बडों की प्रेरणा से ज्ञान एवं निखिल भारतवर्षीय आयुर्वेद विद्यापीठ दिल्ली से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि ग्रहण करते हुए नित नवीन आयुर्वेद अनुसंधान करते हुये असाध्य रोगों की चिकित्सा में अनवरत कार्यशील हूँ , मंत्र चिकित्सा , सुगंध चिकित्सा , आयुर्वेद औषधि चिकित्सा , मस्तक रेखा एवं हस्त रेखा छाप ( हथेली की छाप ) द्वारा व्यक्ति के भविष्य का ज्ञान , सेक्स प्रोब्लम ( इन्पोटेन्ट ) , इन्फर्टिलिटी ( निसंतान स्त्री पुरुष ) साइकोलोजिकल काउन्सलर , सचिव विश्व सीनियर सिटिजेन वेलफेयर परिषद एवं विश्व मानव स्वास्थ्य सेवा परिषद की स्थापना की इच्छा।
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मंत्र चिकित्सा --: ।ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
मंत्र द्वारा ही मृत्यु पे विजय एवं असाध्य रोगों ( कुष्ठ , पागलपन , कैंसर , एड्स ) की चिकित्सा
सुगंध चिकित्सा --: विभिन्न रोगों के अनुसार सुगंध से ही रोग की चिकित्सा
। दिनचर्या निशाचर्या मृत्युचर्या यथोदिताम
आचार पुरूष: स्वस्थ: सदातिष्ठीतनान्यथा ॥
अर्थात - दिनचर्या , रात्रिचर्या व रितुचर्या जिस प्रकार से आयुर्वेद ने बतायी है , उसी प्रकार से आचरण करने वाला मनुष्य सदा स्वस्थ रह सकता है , इसके विपरीत आचरण करने वाला स्वस्थ नहीं रह सकता।
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संपर्क सूत्र --: डा० राजेश कुमार मिश्रा ( आयुर्वेदाचार्य ) - २२ जेल रोड , सीतापुर निकट पुलिस लाइन गेट , मो० नं० - ९४५३३८८३७४ , ईमेल पता - mishra2012clinic@gmail.com
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प्रिय मित्रों ये मेरी छोटी सी कोशिश थी , जिसको मैंने आपके सामने रखा। कृपया आप मुझे अपने विचार टिप्पणी के रूप में अवगत करायें , जिससे मुझे लेखन और प्रकाशन का हौसला मिले , अच्छा मित्रों विदा लेता हूँ , अगली पोस्ट के जरिये फिर मिलता हूँ कुछ नये प्रतिभागी के साथ , या उनकी रचनाओं के साथ।
आपका शुभेच्छू
आशीष अवस्थी ( भाई )
प्रिय मित्रों ये ख़बर आपको कैसी लगी , अपनी टिप्पणी जरूर दे !
मन्त्रों की व्याख्या और अर्थ ...
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आशीष भई ...
दिगम्बर भाई , धन्यवाद व स्वागत हैं।
हटाएंबढ़िया कोशिश-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
आदरणीय , धन्यवाद व स्वागत हैं।
हटाएंआदरणीय , धन्यवाद !!!
जवाब देंहटाएंउत्तम जानकारी
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंराजीव भाई जी , धन्यवाद व बड़े भाई का हमेशा स्वागत हैं।
हटाएंसुन्दर जानकारी...
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर , धन्यवाद व स्वागत हैं।
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