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दीप दिल से जलाओ तो कोई बात बने*****************
दीप दिल से जलाओ तो कोई बात बने*****************
ख़ुशियां जो सबके संग बांटो तो अपना आकाश लगे*****************
ख़ुशियां भी ऐसी हो जिसे बांट सके हम सबको*****************
हो प्रेम का ऐसा धागा जो बांध सके हम सबको*****************
जैसे वो आकाश कह रहा हो हम सबसे*****************
कि जैसे मेरे संग वो तारे है ख़ुश*****************
ऐसे ही तुम सब ख़ुश होके चमको तो कोई बात बने*****************
दीप दिल से जलाओ तो कोई बात बने*****************
ख़ुशियां जो सबके संग बांटो तो अपना आकाश लगे*****************
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( इनफार्मेशन एंड सोल्यूशन्स की तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं )
धन्यवाद , राजीव भाई
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश आज के दिन का ...
जवाब देंहटाएंदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
दिगम्बर भाई आप को भी ツ
हटाएंअच्छी सामयिक प्रस्तुति...दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंप्रसन्न भाई आपको भी ツ
हटाएंबहुत सुन्दर रचना आशीष जी
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
धन्यवाद सर ,पधारने व टिप्पणी हेतु स्वागत हैं
हटाएंपाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
जवाब देंहटाएंवली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
बहुत सुन्दर सर , धन्यवाद !
हटाएंkhubsurat blog h aapka / khubsurat rachnao k 7 :)
जवाब देंहटाएंधन्यवाद प्रतिभा जी व स्वागत है
हटाएंबहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति....दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर , व स्वागत है
हटाएंवाह ! क्या बात है
जवाब देंहटाएंसंजय भाई जी , धन्यवाद व स्वागत है
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