प्रिय मित्रों , प्रश्न ? उत्तर - भाग -२ की पोस्ट पे आपका स्वागत है ,जैसा कि मैंने अपनी पिछली पोस्ट में आपको गंगा जी के और गंगाजल की पवित्रता के बारे में जानकारी दी थीं ,पोस्ट देखने के लिये यहाँ क्लिक करें , भाग - २ की पोस्ट कहीं कहीं तक इससे सम्बन्ध रखती है , तो सीधे बात करते है आज के प्रश्न ( पोस्ट ) की...!
प्रश्न -- पीपल वृक्ष की पवित्रता का धार्मिक कारण क्या है ?
उ० -- पीपल वृक्ष समस्त वृक्षों में सबसे पवित्र इसलिए माना गया है , क्योंकि हिन्दुओं की धार्मिक अवस्था के अनुसार स्वयं भगवान श्री हरि ( विष्णु जी ) पीपल वृक्ष में निवास करते हैं। श्री मद् भगवद्गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जी ने अपने श्री मुख से उच्चारित किये हैं कि वृक्षों में मैं " पीपल " वृक्ष हूँ। स्कन्ध पुराण के अनुसार पीपल के मूल ( जड़ ) में विष्णु , तने में केशव , शाखाओ में नारायण , पत्रों में भगवान श्री हरि , और फलों में समस्त देवताओं से युक्त अच्युत भगवान सदैव निवास करते हैं।
प्रश्न -- क्या वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल वृक्ष पूजनीय है ?
उ० -- पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है , जो चौबीसों घंटे ( दिन - रात ) आक्सीजन का उत्सर्जन ( निकलता ) है , जो जीवधारियों के लिये "प्राण - वायु" कही जाती है। प्रत्येक जीवधारी आक्सीजन लेता है और कार्बन डाई आक्साइड छोडता है। वैज्ञानिक खोजों से यह तथ्य सिद्ध हो चुका है। आक्सीजन देने के अलावा पीपल वृक्ष में अन्य अनेक विशेषताएँ हैं। जैसे इसकी छाया सर्दी में ऊष्णता ( गर्मी ) देता है और गर्मी में शीतलता देती है। इसके अलावा पीपल के पत्तों से स्पर्श करने से वायु में मिले संक्रामक वायरस नष्ट हो जाते है। आयुर्वेद के अनुसार इसकी छाल , पत्तों और फल आदि से अनेक प्रकार की रोग नाशक दवायें बनती हैं। इस तरह वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल वृक्ष पूज्यनीय हैं।
मित्रों ये जानकारी आपको कैसी लगी , अपनी टिप्पणी जरूर दें
प्रश्न -- पीपल वृक्ष की पवित्रता का धार्मिक कारण क्या है ?
उ० -- पीपल वृक्ष समस्त वृक्षों में सबसे पवित्र इसलिए माना गया है , क्योंकि हिन्दुओं की धार्मिक अवस्था के अनुसार स्वयं भगवान श्री हरि ( विष्णु जी ) पीपल वृक्ष में निवास करते हैं। श्री मद् भगवद्गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जी ने अपने श्री मुख से उच्चारित किये हैं कि वृक्षों में मैं " पीपल " वृक्ष हूँ। स्कन्ध पुराण के अनुसार पीपल के मूल ( जड़ ) में विष्णु , तने में केशव , शाखाओ में नारायण , पत्रों में भगवान श्री हरि , और फलों में समस्त देवताओं से युक्त अच्युत भगवान सदैव निवास करते हैं।
प्रश्न -- क्या वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल वृक्ष पूजनीय है ?
उ० -- पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है , जो चौबीसों घंटे ( दिन - रात ) आक्सीजन का उत्सर्जन ( निकलता ) है , जो जीवधारियों के लिये "प्राण - वायु" कही जाती है। प्रत्येक जीवधारी आक्सीजन लेता है और कार्बन डाई आक्साइड छोडता है। वैज्ञानिक खोजों से यह तथ्य सिद्ध हो चुका है। आक्सीजन देने के अलावा पीपल वृक्ष में अन्य अनेक विशेषताएँ हैं। जैसे इसकी छाया सर्दी में ऊष्णता ( गर्मी ) देता है और गर्मी में शीतलता देती है। इसके अलावा पीपल के पत्तों से स्पर्श करने से वायु में मिले संक्रामक वायरस नष्ट हो जाते है। आयुर्वेद के अनुसार इसकी छाल , पत्तों और फल आदि से अनेक प्रकार की रोग नाशक दवायें बनती हैं। इस तरह वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल वृक्ष पूज्यनीय हैं।
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अच्छी जानकारी दी आपने धन्यवाद।।
जवाब देंहटाएंनई कड़ियाँ : सदाबहार अभिनेता देव आनंद
हर्षवर्धन जी धन्यवाद
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