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|| मुद्दई लाख बुरा चाहे भी तो , ये किश्ती कटती नहीं ||
|| जाने क्या बात है हममें कि हमारी हस्ती मिट्ती नहीं ||
|| क्या हम हिंदू हैं , क्या हैं हम मुसलमां ये बात हम पर चलती नहीं ||
|| हैं एक हम समान सब , चाहे कुछ भी करलो , ये मानवता का बंधन है ऐसा कि हमारी हस्ती मिटती नहीं ||
|| वो कुछ भी हमकों भड़का लें , शेर ऐसे हैं हम , सियारों कि हमपे चलती नहीं ||
|| यारों एक हैं हम , वक्त पर एक ही मिलेंगे , फिर न कहना जाने क्या बात हैं इनमें कि इनकी हस्ती मिटती नहीं ||
|| है देश हमसे या हम देश से , ये सब बातें हमपे जच्ती नहीं ||
|| मजबूरी कुछ भी बनालों , ये " भारत " जहाँ ऐसा कि हमारी हस्ती कभी मिटती नहीं ||
|| मुद्दई लाख बुरा चाहे भी तो , ये किश्ती कटती नहीं ||
|| जानें क्या बात हैं हममें कि हमारी हस्ती मिटती नहीं ||
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|| मुद्दई लाख बुरा चाहे भी तो , ये किश्ती कटती नहीं ||
|| जाने क्या बात है हममें कि हमारी हस्ती मिट्ती नहीं ||
|| क्या हम हिंदू हैं , क्या हैं हम मुसलमां ये बात हम पर चलती नहीं ||
|| हैं एक हम समान सब , चाहे कुछ भी करलो , ये मानवता का बंधन है ऐसा कि हमारी हस्ती मिटती नहीं ||
|| वो कुछ भी हमकों भड़का लें , शेर ऐसे हैं हम , सियारों कि हमपे चलती नहीं ||
|| यारों एक हैं हम , वक्त पर एक ही मिलेंगे , फिर न कहना जाने क्या बात हैं इनमें कि इनकी हस्ती मिटती नहीं ||
|| है देश हमसे या हम देश से , ये सब बातें हमपे जच्ती नहीं ||
|| मजबूरी कुछ भी बनालों , ये " भारत " जहाँ ऐसा कि हमारी हस्ती कभी मिटती नहीं ||
|| मुद्दई लाख बुरा चाहे भी तो , ये किश्ती कटती नहीं ||
|| जानें क्या बात हैं हममें कि हमारी हस्ती मिटती नहीं ||
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( इन्फॉरमेशन एंड सोल्यूशन्स की तरफ़ से आप सबको गणतंत्र दिवस २०१४ की हार्दिक शुभकामनाएँ )
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आ० जितेन्द्र भाई , धन्यवाद व स्वागत है , गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित
जवाब देंहटाएं|| जय श्री हरिः ||
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस पर शुभकामनाऐं !
आ० सर धन्यवाद व स्वागत हैं , गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
हटाएंभावपूर्ण रचना है आशीष भाई |
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
आ० आगमन व स्नेह हेतु धन्यवाद व सदा: स्वागत हैं , गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित
हटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
बहुत सुंदर ! आशीष भाई.
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.
राजीव भाई धन्यवाद व स्वागत है , शुभकामनाओं सहित
हटाएंबहुत शानदार आशीष भाई जी।
जवाब देंहटाएंमनोज भाई धन्यवाद व स्वागत है , गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित !
हटाएंबहुत सार्थक अभिव्यक्ति। ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राजेंद्र भाई व स्वागत हैं , गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित
हटाएंबढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें गणतंत्र दिवस की-
सादर
आ० सर धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंउम्दा प्रस्तुति आशीष जी ! गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंआ० बहुत धन्यवाद जो आपका आगमन हुआ व स्वागत हैं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित
हटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
सब का खून एक रंग का ...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की बधाई ...
धन्यवाद दिगंबर भाई जो आपका आगमन हुआ व स्वागत हैं , गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित !
हटाएंआशीष जी बहुत उम्दा रचना !
जवाब देंहटाएंआ० सर , धन्यवाद व स्वागत हैं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित !
हटाएंललित भाई धन्यवाद व स्वागत हैं !
जवाब देंहटाएंभाई ऊपर वाले से दुआ करूंगी कि
जवाब देंहटाएंआपकी हस्ती किसी कीमत पर ना मिटे
आ० इतना खतरनाक प्रेम , ख़ैर आपको धन्यवाद व स्वागत हैं
जवाब देंहटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
achcha laga / ye parivartan
जवाब देंहटाएंआ० धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंसुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएं...
अंकुर भाई धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंअर्थपूर्ण परिभाषा ..... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसंजय भाई जी , बहुत बहुत धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआ० धन्यवाद व स्वागत हैं
हटाएंआशीष भाई .. इस बंधन के बहुत दुश्मन हैं देश और उसके बाहर भी ... भारतवासियों को समझना होगा ...
जवाब देंहटाएंदिगंबर भाई , आपसे सहमत हूँ , लेकिन थकना उन्हीं को होगा , क्योंकि अंधेरा कितना भी गहरा क्यों न हो , प्रकाश के आते ही धीरेधीरे छट ही जाता हैं , बड़े भाई को धन्यवाद जो आगमन हुआ
हटाएं॥ जय श्री हरि: ॥