***************************************************************************************
मै गीतकार के के वर्मा " आज़ाद " इस गीत के जरिये अपने देश की बेटी " दामिनी " को श्रदधान्जली देता हूँ , और मैं क्या कहूँ जब अपने देश के हालात देखता हूँ देश को लूटने वाले मक्कारों को देखता हूँ , इन्साफ करने वालों को बिकते हुए देखता हूँ , गरीबों पे अत्याचार , मासूमों से , बहू बेटियों से बलात्कार ह्त्या करने वाले शैतानों को , अपराधियों को गुंडे भ्रष्ट नेताओं का संरक्षण मिलते देखता हूँ , सुनता हूँ तो मेरा खून खौलने लगता है , अपने जज्बातों को गीतों और कविताओं के जरिये आपको जगाने की भरपूर कोशिश कर रहा हूँ , करता रहूँगा
***************************************************************************************
वहशी दरिन्दों से ख़ुद को बचाकर रख़ना बहन बेटियों को छुपाकर कह के चली दामिनी आज मुश्किल है बचाना लाज ,
देखो मेरे संग क्या क्या हुआ है कितना शैतानों ने दर्द दिया है मैंने किसी का क्या था बिगाड़ा मैं भी उजड़ी घर भी उजाड़ा , रक्ख़े थे पापा ने सपने सजाकर , पेट काटकर मम्मी ने पढ़ाकर , बेटी बनेगी घर का ताज मुश्किल है बचाना लाज
क्या तेरे घर में बहू बेटी नहीं है तेरे घर में कोई बहना नहीं है मेरे संग हुआ जो तेरे संग होता जैसे हम रोये क्या तू न रोता , रहेंगे तुमको इन्साफ़ दिलवाकर चैन पायेंगे सूली पे चढ़वाकर कहता है ये " आज़ाद " कहता है सारा समाज ,
आता नहीं जो देश चलाना , छोड़ो कुर्सी तुम ठेकेदारों , तुम क्या करोगे हिफ़ाज़त हमारी , बलात्कारी ऐ पहरेदारों , डूब मरो चुल्लू भर पानी में जाकर , अपराधियों को टिकट दे देकर , कर दिया देश बर्बाद , कहाँ है हम आज़ाद
रोज़ मासूमों की हत्यायें होती हैं पत्थर दिल सरकारें जैसे सोती हैं बेख़ौफ घूमते बलात्कारी किसकी है ये ज़िम्मेदारी , ताज़ और तख़्त का मोह छोड़कर जनता संग आजाओ इस्तीफा देकर माने फिर सेवक समाज करें फिर तुम पर नाज़ ,
जनता जो चाहेगी करना पड़ेगा हर्गिज़ कानून बदलना पड़ेगा मर्ज़ी तुम्हारी नहीं चलेगी ज़िद ये क्यों है महंगी पड़ेगी रख़ देगी कुर्सी से तुमको गिराकर होगे सही फुटपाथ पे आकर जनता की है ये आवाज़ , जनता से चलता है राज
वहशी दरिन्दों से ख़ुद को बचाकर , रख़ना बहन बेटियों को छुपाकर कह के चली दामिनी आज , मुश्किल है बचाना लाज
***************************************************************************************
इस गीत का वीडियो देख़ेनें के लिए यहाँ पे क्लिक करें
***************************************************************************************
सम्पर्क सूत्र -----> के. के. वर्मा " आज़ाद "
५०० / १६४ कुतुबपुर डालीगंज लखनऊ ( उ० प्र० )
पिन - २०६०२२ , मो० न० ०९३३६७८२९८३
***************************************************************************************
***************************************************************************************
प्रिय मित्रों ये मेरी छोटी सी कोशिश थी , जिसको मैंने आपके सामने रखा। कृपया आप मुझे अपने विचार टिप्पणी के रूप में अवगत करायें , जिससे मुझे लेखन और प्रकाशन का हौसला मिले , अच्छा मित्रों विदा लेता हूँ , अगली पोस्ट के जरिये फिर मिलता हूँ कुछ नये प्रतिभागी के साथ , या उनकी रचनाओं के साथ।
आपका शुभेच्छू
आशीष अवस्थी ( भाई )
प्रिय मित्रों ये ख़बर आपको कैसी लगी , अपनी टिप्पणी जरूर दे !
पधारने व टिप्पणी हेतु धन्यवाद , व स्वागत है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद व आपका स्वागत है
हटाएंnc/ :)
जवाब देंहटाएंaashish bhai / is id se aapko mail kaungi !
thnx / :)
आपका आभार , धन्यवाद
हटाएंletest post / :) jb aap online hn to fir :) dekh hi lijiye चाँद
हटाएंमैंने। देखा आपका पोस्ट फिलहाल हम इस पोस्ट पर इससमय इससे सम्बन्धित ही वार्तालाप कर सकते है , क्षमा करें , उसके लिए फेसबुक है
हटाएंपधारने व स्थान देने हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंएक सार्थक बेहतरीन....रचना...समाज को जागृत और सन्देश देती हुई...
जवाब देंहटाएंश्री मन्जुषा जी , पाठन व टिप्पणी हेतु आपको धन्यवाद , व स्वागत हैं ।
हटाएंsundar aur bhav poorn rachana
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नवीन जी
हटाएंबहुत खूब लिखा है भाइ जी ।
जवाब देंहटाएंनीरज भाई धन्यवाद व सदः स्वागत है !
हटाएं