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जानते हैं वैज्ञानिक दृष्टी से ग्रहों का विवरण - इन ग्रहों का विवरण लेने के लिए सौरमण्डल को जानना बेहद ज़रूरी हैं , ( शोर्ट में ही सही ) - जैसे कई लोगों के मिलने पर एक मंडली का निर्माण होता है , वैसे ही यह सौर मंडल हैं , जिसे सूर्य मण्डली भी कह सकते हैं - अब सवाल उठता है कि जब ये सौरमण्डल है तो ये ग्रह व उपग्रह क्या हैं ? - सूर्य के चारो ओर घूमने वाले खगोलीय पिंडों को ग्रह कहते हैं तथा ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने वाले छोटे आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं - विशेष बात - इन ग्रहों की गति का नियम केपलर ने प्रतिपादित किया।
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आगे जानते हैं सौरमण्डल में प्रमुख सूर्य का विवरण -
१ . सूर्य - सौरमण्डल में सूर्य प्रधान है क्योंकि सौरमण्डल निकाय के द्रव्य का लगभग ९९.९९% द्रव्य सूर्य में निहित है। ( सूर्य एक तारा है। ) इसका परिक्रमण काल २५ करोड़ वर्ष है , जिसे ब्रम्हांड वर्ष ( Cosmos year ) कहते हैं। वैसे सूर्य एक गैसीय गोला है , जिसमें ७१% हाइड्रोजन , २६.५% हीलियम तथा २% अन्य भारी तत्व ( जैसे - लिथियम व यूरेनियम ) हैं। सूर्य की उर्जा का स्रोत वहाँ पर होने वाला नाभिकीय संलयन है जिसमें हाइड्रोजन का हीलियम में रूपांतरण होता है। - विशेष बात - सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में केवल ८ मिनट १६.६ सेकण्ड लगते हैं।
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सूर्य से ग्रहों का संबंध -
बुध , शुक्र , पृथ्वी तथा मंगल सूर्य के आंतरिक ग्रह कहलाते हैं , जबकि ब्रहस्पति , शनि , अरुण और वरुण बाह्य ग्रह हैं ये ग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले पिंड कहलाते हैं।
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आगे जानते हैं ग्रहों का विवरण -
२ . बुध - बुध ग्रह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है , अपनी मंडली में यह सबसे छोटा ग्रह है जो अपनी धुरी पर ५८.६५ दिनों में घूमता है तथा सूर्य की परिक्रमा ८७ दिन २३ घंटे में ( सबसे कम समय में ) पूरी करता है , इसका सबसे विशिष्ट गुण है - इसमें चुम्बकीय क्षेत्र का होना - विशेष बात - बुध के पास से गुजरने वाला ग्रह - मैरिनर है।
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३ . शुक्र - इसकी बढ़ती दूरी के अनुसार , सूर्य से शुक्र का दूसरा स्थान है , लेकिन पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह है। यह सबसे अधिक चमकीला तारा है , जिसे भोर का तारा ( Morning Star ) या शाम का तारा ( Evening Star ) कहा जाता है क्योंकि प्रातः यह पूर्व में और सायं पश्चिम में दिखाई पड़ता है , इसके साथ-साथ इसे पृथ्वी की बहन या पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इसके आकार और द्रव्यमान में यह लगभग पृथ्वी के बराबर है व सूर्य की परिक्रमा २२५ दिनों में पूरी करता है। इसके वातावरण में कार्बन डाई - ऑक्साइड ( ९७% ) की प्रचुरता है जो एक ग्रीनहाउस गैस है , इसके बारे में यूरोपवासियों की मान्यता यह है कि वह इस ग्रह की पूजा सुन्दरता की देवी के रूप में करते थे - विशेष बात - इसकी सूर्य के प्रकाश को परिवर्तित करने की क्षमता ( Albed Power ) ७०% है इसी कारण यह सबसे चमकीला ग्रह है।
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४ . पृथ्वी - पृथ्वी ग्रह आकार वाले बड़े ग्रहों में पाँचवे स्थान पर आता है , इसमें जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह ( Blue Planet ) भी कहा जाता है यही सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन है , वैसे पृथ्वी पर ऋतू परिवर्तन , इसकी अक्ष पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थति में परिवर्तन यानी वार्षिक गति के कारण होता है और इसी वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन-रात छोटे-बड़े होते हैं। पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर १६१० किमी प्रति घंटा की चाल से २३ घंटे ५६ मिनट ४ सेकण्ड में एक पूरा चक्कर लगाती है , पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते हैं , इसी घूर्णन गति के कारण दिन व रात होते हैं पृथ्वी ३६५ दिन ५ घंटे ४८ मिनट ४६ सेकण्ड में सूर्य का परिक्रमण करती है , सूर्य के चतुर्दिक पृथ्वी की इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति या परिक्रमण गति कहते हैं। परिक्रमा पथ में पृथ्वी के दोनों ओर रहने वाले ग्रह मंगल व शुक्र हैं , सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्राक्सिमा सेंचुरी है , जो पृथ्वी से ४.२२ प्रकाश वर्ष दूर है - विशेष बात - पृथ्वी द्वारा सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगा समय सौर वर्ष कहलाता है व चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।
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५ . मंगल - इसे लाल ग्रह ( Red Planet ) व युद्ध का देवता भी कहते हैं क्योंकि इसकी सतह आयरन ऑक्साइड के कारण लाल होती है। इसका आकार अंडाकार है व इसके दो उपग्रह हैं जिनके नाम फोबोस तथा डिमोस ( सबसे छोटे उपग्रह ) हैं। इस ग्रह पर जीवन की संभावना व्यक्त की जा रही है , क्योंकि वहाँ वायुमंडल पाया गया है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने में ६८७ दिन लगते हैं - विशेष बात - मंगल का सबसे ऊँचा पर्वत - ज्वालामुखी निक्स ओलम्पिया ( Nix Olympia ) है , जो माउन्ट एवरेस्ट से तीन गुना ऊँचा है।
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६ . ब्रहस्पति - सौरमण्डल में यह सबसे बड़ा ग्रह है इसकी विशेषता इसके उपग्रहों की संख्या है , जो कि ६३ है , जिसमें ' गैनीमीड ' सबसे बड़ा उपग्रह है जिसका रंग पिला है , इसके अन्य प्रमुख उपग्रह यूरोपा , कैलिस्टो व आयो हैं , इसकी ताकत का पता इसके घुमाव से लगता है क्योंकि यह अपनी धुरी पर सिर्फ ९.८ घंटों में घूम जाता है जो कि सबसे तेज़ है। अभी पायनियर अन्तरिक्ष अभियान द्वारा खोजे जाने पर , ब्रहस्पति ग्रह पर एक विशालकाय लाल धब्बे ( Great Red Spot ) की खोज हुई है ये धब्बे अशांत बादल के सूचक हैं - विशेष बात - इस ग्रह से हमेशा रेडियो तरंगे प्रसारित होती हैं।
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७ . शनि - शनि आकार में सौरमण्डल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है व घनत्व में सबसे कम केवल 0.७ , शनि ग्रह की सबसे बड़ी विशेषता चतुर्दिक वलय है , इसके उपग्रहों की संख्या ६० है , इसके रासायनिक संगठन में मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम तथा , कुछ मात्रा में मीथेन और अमोनिया गैसें है , शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है , जो बुध ग्रह के बराबर है , टाइटन पर नाइट्रोजन वातावरण और हाइड्रोकार्बन मिले हैं। शनि के अन्य प्रमुख उपग्रह हैं - मीमास , एनसीलाडू , टेथिस , रिया , फोवे आदि - विशेष बात - फोवे , शनि की कक्षा में घूमने के विपरीत परिक्रमा करता है। इसे कृषि का देवता माना जाता है।
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८ . अरुण - इस ग्रह के खोजकर्ता सर विलियम हर्शल ( १७८१ ई. ) हैं , यह ग्रह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखाई पड़ता है इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह कहा जाता है। ज्ञात उपग्रह १५ हैं , जिनमें प्रमुख हैं - एरियल , टिटेनियाँ , मिराण्डा। यूरेनस का परिक्रमण भी शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम ( Clockwise ) होता है जबकि अन्य सभी ग्रह पश्चिम से पूर्व ( Anti-Clockwise ) परिक्रमण करते हैं। यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवम सूर्यास्त पूरब की ओर होता है , अरुण ग्रह नीले-हरे रंग को उत्सर्जित करता है कारण मीथेन गैस - विशेष बात - यह ग्रह सर्वाधिक गैसों से घिरा हुआ है।
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९ . वरुण - यह सबसे ठंडा ग्रह है तथा यहाँ वर्ष दीर्घतम होता है। यहाँ भी मीथेन गैस होने के कारण यह धुँधले हरे रंग का नज़र आता है। इसके आठ उपग्रह हैं , जिसमें ट्रीटोन व नेरिड ऐन प्रमुख हैं। इसको जर्मन वैज्ञानिक जे जी गाले ( j g galle ) ने सन १८४६ ई. में खोजा था। - विशेष बात - इसे समुद्र का देवता कहा जाता है।
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विशेष बात - एक और ग्रह था जिसका नाम यम ( Pluto ) था ( अभी भी है )करीबन १९३० के प्रारंभ में इसे नौंवां ग्रह माना जाता था लेकिन २४ अगस्त २००६ को एक विज्ञानी संघ की बैठक द्वारा कुछ खगोल वज्ञानिकों ने प्लूटो के चंद्रमा से भी छोटे आकार का होने और पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा वाला न होने के कारण उससे ग्रह होने का दर्ज़ा छीन लिया।
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मित्रों व पाठकों ये जानकारी आपको हिंदी में कैसी लगी , कृपया टिप्पणी ज़रूर करें ! धन्यवाद !
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जानते हैं वैज्ञानिक दृष्टी से ग्रहों का विवरण - इन ग्रहों का विवरण लेने के लिए सौरमण्डल को जानना बेहद ज़रूरी हैं , ( शोर्ट में ही सही ) - जैसे कई लोगों के मिलने पर एक मंडली का निर्माण होता है , वैसे ही यह सौर मंडल हैं , जिसे सूर्य मण्डली भी कह सकते हैं - अब सवाल उठता है कि जब ये सौरमण्डल है तो ये ग्रह व उपग्रह क्या हैं ? - सूर्य के चारो ओर घूमने वाले खगोलीय पिंडों को ग्रह कहते हैं तथा ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने वाले छोटे आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं - विशेष बात - इन ग्रहों की गति का नियम केपलर ने प्रतिपादित किया।
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आगे जानते हैं सौरमण्डल में प्रमुख सूर्य का विवरण -
१ . सूर्य - सौरमण्डल में सूर्य प्रधान है क्योंकि सौरमण्डल निकाय के द्रव्य का लगभग ९९.९९% द्रव्य सूर्य में निहित है। ( सूर्य एक तारा है। ) इसका परिक्रमण काल २५ करोड़ वर्ष है , जिसे ब्रम्हांड वर्ष ( Cosmos year ) कहते हैं। वैसे सूर्य एक गैसीय गोला है , जिसमें ७१% हाइड्रोजन , २६.५% हीलियम तथा २% अन्य भारी तत्व ( जैसे - लिथियम व यूरेनियम ) हैं। सूर्य की उर्जा का स्रोत वहाँ पर होने वाला नाभिकीय संलयन है जिसमें हाइड्रोजन का हीलियम में रूपांतरण होता है। - विशेष बात - सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में केवल ८ मिनट १६.६ सेकण्ड लगते हैं।
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सूर्य से ग्रहों का संबंध -
बुध , शुक्र , पृथ्वी तथा मंगल सूर्य के आंतरिक ग्रह कहलाते हैं , जबकि ब्रहस्पति , शनि , अरुण और वरुण बाह्य ग्रह हैं ये ग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले पिंड कहलाते हैं।
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आगे जानते हैं ग्रहों का विवरण -
२ . बुध - बुध ग्रह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है , अपनी मंडली में यह सबसे छोटा ग्रह है जो अपनी धुरी पर ५८.६५ दिनों में घूमता है तथा सूर्य की परिक्रमा ८७ दिन २३ घंटे में ( सबसे कम समय में ) पूरी करता है , इसका सबसे विशिष्ट गुण है - इसमें चुम्बकीय क्षेत्र का होना - विशेष बात - बुध के पास से गुजरने वाला ग्रह - मैरिनर है।
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३ . शुक्र - इसकी बढ़ती दूरी के अनुसार , सूर्य से शुक्र का दूसरा स्थान है , लेकिन पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह है। यह सबसे अधिक चमकीला तारा है , जिसे भोर का तारा ( Morning Star ) या शाम का तारा ( Evening Star ) कहा जाता है क्योंकि प्रातः यह पूर्व में और सायं पश्चिम में दिखाई पड़ता है , इसके साथ-साथ इसे पृथ्वी की बहन या पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इसके आकार और द्रव्यमान में यह लगभग पृथ्वी के बराबर है व सूर्य की परिक्रमा २२५ दिनों में पूरी करता है। इसके वातावरण में कार्बन डाई - ऑक्साइड ( ९७% ) की प्रचुरता है जो एक ग्रीनहाउस गैस है , इसके बारे में यूरोपवासियों की मान्यता यह है कि वह इस ग्रह की पूजा सुन्दरता की देवी के रूप में करते थे - विशेष बात - इसकी सूर्य के प्रकाश को परिवर्तित करने की क्षमता ( Albed Power ) ७०% है इसी कारण यह सबसे चमकीला ग्रह है।
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४ . पृथ्वी - पृथ्वी ग्रह आकार वाले बड़े ग्रहों में पाँचवे स्थान पर आता है , इसमें जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह ( Blue Planet ) भी कहा जाता है यही सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन है , वैसे पृथ्वी पर ऋतू परिवर्तन , इसकी अक्ष पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थति में परिवर्तन यानी वार्षिक गति के कारण होता है और इसी वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन-रात छोटे-बड़े होते हैं। पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर १६१० किमी प्रति घंटा की चाल से २३ घंटे ५६ मिनट ४ सेकण्ड में एक पूरा चक्कर लगाती है , पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते हैं , इसी घूर्णन गति के कारण दिन व रात होते हैं पृथ्वी ३६५ दिन ५ घंटे ४८ मिनट ४६ सेकण्ड में सूर्य का परिक्रमण करती है , सूर्य के चतुर्दिक पृथ्वी की इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति या परिक्रमण गति कहते हैं। परिक्रमा पथ में पृथ्वी के दोनों ओर रहने वाले ग्रह मंगल व शुक्र हैं , सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्राक्सिमा सेंचुरी है , जो पृथ्वी से ४.२२ प्रकाश वर्ष दूर है - विशेष बात - पृथ्वी द्वारा सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगा समय सौर वर्ष कहलाता है व चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।
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५ . मंगल - इसे लाल ग्रह ( Red Planet ) व युद्ध का देवता भी कहते हैं क्योंकि इसकी सतह आयरन ऑक्साइड के कारण लाल होती है। इसका आकार अंडाकार है व इसके दो उपग्रह हैं जिनके नाम फोबोस तथा डिमोस ( सबसे छोटे उपग्रह ) हैं। इस ग्रह पर जीवन की संभावना व्यक्त की जा रही है , क्योंकि वहाँ वायुमंडल पाया गया है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने में ६८७ दिन लगते हैं - विशेष बात - मंगल का सबसे ऊँचा पर्वत - ज्वालामुखी निक्स ओलम्पिया ( Nix Olympia ) है , जो माउन्ट एवरेस्ट से तीन गुना ऊँचा है।
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६ . ब्रहस्पति - सौरमण्डल में यह सबसे बड़ा ग्रह है इसकी विशेषता इसके उपग्रहों की संख्या है , जो कि ६३ है , जिसमें ' गैनीमीड ' सबसे बड़ा उपग्रह है जिसका रंग पिला है , इसके अन्य प्रमुख उपग्रह यूरोपा , कैलिस्टो व आयो हैं , इसकी ताकत का पता इसके घुमाव से लगता है क्योंकि यह अपनी धुरी पर सिर्फ ९.८ घंटों में घूम जाता है जो कि सबसे तेज़ है। अभी पायनियर अन्तरिक्ष अभियान द्वारा खोजे जाने पर , ब्रहस्पति ग्रह पर एक विशालकाय लाल धब्बे ( Great Red Spot ) की खोज हुई है ये धब्बे अशांत बादल के सूचक हैं - विशेष बात - इस ग्रह से हमेशा रेडियो तरंगे प्रसारित होती हैं।
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७ . शनि - शनि आकार में सौरमण्डल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है व घनत्व में सबसे कम केवल 0.७ , शनि ग्रह की सबसे बड़ी विशेषता चतुर्दिक वलय है , इसके उपग्रहों की संख्या ६० है , इसके रासायनिक संगठन में मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम तथा , कुछ मात्रा में मीथेन और अमोनिया गैसें है , शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है , जो बुध ग्रह के बराबर है , टाइटन पर नाइट्रोजन वातावरण और हाइड्रोकार्बन मिले हैं। शनि के अन्य प्रमुख उपग्रह हैं - मीमास , एनसीलाडू , टेथिस , रिया , फोवे आदि - विशेष बात - फोवे , शनि की कक्षा में घूमने के विपरीत परिक्रमा करता है। इसे कृषि का देवता माना जाता है।
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८ . अरुण - इस ग्रह के खोजकर्ता सर विलियम हर्शल ( १७८१ ई. ) हैं , यह ग्रह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखाई पड़ता है इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह कहा जाता है। ज्ञात उपग्रह १५ हैं , जिनमें प्रमुख हैं - एरियल , टिटेनियाँ , मिराण्डा। यूरेनस का परिक्रमण भी शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम ( Clockwise ) होता है जबकि अन्य सभी ग्रह पश्चिम से पूर्व ( Anti-Clockwise ) परिक्रमण करते हैं। यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवम सूर्यास्त पूरब की ओर होता है , अरुण ग्रह नीले-हरे रंग को उत्सर्जित करता है कारण मीथेन गैस - विशेष बात - यह ग्रह सर्वाधिक गैसों से घिरा हुआ है।
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९ . वरुण - यह सबसे ठंडा ग्रह है तथा यहाँ वर्ष दीर्घतम होता है। यहाँ भी मीथेन गैस होने के कारण यह धुँधले हरे रंग का नज़र आता है। इसके आठ उपग्रह हैं , जिसमें ट्रीटोन व नेरिड ऐन प्रमुख हैं। इसको जर्मन वैज्ञानिक जे जी गाले ( j g galle ) ने सन १८४६ ई. में खोजा था। - विशेष बात - इसे समुद्र का देवता कहा जाता है।
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विशेष बात - एक और ग्रह था जिसका नाम यम ( Pluto ) था ( अभी भी है )करीबन १९३० के प्रारंभ में इसे नौंवां ग्रह माना जाता था लेकिन २४ अगस्त २००६ को एक विज्ञानी संघ की बैठक द्वारा कुछ खगोल वज्ञानिकों ने प्लूटो के चंद्रमा से भी छोटे आकार का होने और पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा वाला न होने के कारण उससे ग्रह होने का दर्ज़ा छीन लिया।
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मित्रों व पाठकों ये जानकारी आपको हिंदी में कैसी लगी , कृपया टिप्पणी ज़रूर करें ! धन्यवाद !
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (04-06-2014) को "आ तुझको मैं अपनी कूची में उतार लूँ " (चर्चा मंच 1633) पर भी है!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंसुन्दर ,बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआ. धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंशानदार पोस्ट / :)
जवाब देंहटाएंआ. डॉ. साहब धन्यवाद व सद: स्वागत हैं !
हटाएंबहुत अच्छी जानकारी आशिष भाई।
जवाब देंहटाएंHCT- Hindi Computer Tips
ब्रदर धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंbahut acchi jankari..........
जवाब देंहटाएंise bhi dekhe Interesting Information 4 All
बढ़िया सार्थक विवरण अब प्लूटो को और ऐसे ही अन्य छोटे पिंडों को प्लेनेटॉइड कहा जाता है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर व स्वागत हैं ! बढ़िया जानकारी भी मिली धन्यवाद !
हटाएंग्रह सूर्य के बेटे तथा उपग्रह पोते कहलाते हैं।
जवाब देंहटाएंसर सही , मैंने ये बात एक पोस्ट पे भी दी हैं पोस्ट का नाम - उपग्रह क्या हैं ? जो इस ब्लॉग में करीब २ महीने पहले दी थी ! धन्यवाद !
हटाएंbahut hi upyogi jankari.........
जवाब देंहटाएंआ. श्री धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंसुन्दर तरीके से समझाया-
जवाब देंहटाएंआभार आपका भाई-
आगमन हेतु धन्यवाद व सद: स्वागत हैं आदरणीय !
हटाएंनवग्रह की रोचक औत वैज्ञानिक जानकारी ...
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी पोस्ट ...
दिगंबर भाई धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंनवग्रहों को बहुत सुन्दर रोचक चित्रों के माध्यम से सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआ. धन्यवाद व सद: स्वागत हैं !
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (09-06-2014) को "यह किसका प्रेम है बोलो" (चर्चा मंच-1638) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आ. धन्यवाद व स्वागत हैं !
हटाएंम एडम्स KEVIN, Aiico बीमा plc को एक प्रतिनिधि, हामी भरोसा र एक ऋण बाहिर दिन मा व्यक्तिगत मतभेद आदर। हामी ऋण चासो दर को 2% प्रदान गर्नेछ। तपाईं यस व्यवसाय मा चासो हो भने अब आफ्नो ऋण कागजातहरू ठीक जारी हस्तांतरण ई-मेल (adams.credi@gmail.com) गरेर हामीलाई सम्पर्क। Plc.you पनि इमेल गरेर हामीलाई सम्पर्क गर्न सक्नुहुन्छ तपाईं aiico बीमा गर्न धेरै स्वागत छ भने व्यापार वा स्कूल स्थापित गर्न एक ऋण आवश्यकता हो (aiicco_insuranceplc@yahoo.com) हामी सन्तुलन स्थानान्तरण अनुरोध गर्न सक्छौं पहिलो हप्ता।
जवाब देंहटाएंव्यक्तिगत व्यवसायका लागि ऋण चाहिन्छ? तपाईं आफ्नो इमेल संपर्क भने उपरोक्त तुरुन्तै आफ्नो ऋण स्थानान्तरण प्रक्रिया गर्न
ठीक।